मुख्य बिंदु:

  • मोदी की कड़ी चेतावनी: भारत किसी भी “बुरी नजर” को अब पूरी तरह तबाही से जवाब देगा।
  • अफगानिस्तान अब मददगार नहीं: पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तालिबान शासन उसे भारत के खिलाफ रणनीतिक गहराई देगा, लेकिन अब वही तालिबान पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
  • नूर खान एयरबेस पर हमला: भारत ने पाकिस्तान की परमाणु कमान के नजदीक हमले से साफ कर दिया कि अब कोई क्षेत्र अछूत नहीं रहा।
  • परमाणु ब्लैकमेल बेअसर: भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर पाकिस्तान के परमाणु सिद्धांत की आधारशिला को चुनौती दी।
  • तुर्की और चीन की मदद से भी नहीं बचा पाकिस्तान: दोनों देशों ने उन्नत ड्रोन और हथियार दिए, लेकिन भारत ने स्वदेशी तकनीक और सहयोगी देशों की मदद से मुंहतोड़ जवाब दिया।
  • युद्ध का नया युग: अब पारंपरिक युद्ध नहीं, ड्रोन और तकनीकी युद्ध का समय है — भारत को नवाचार के साथ-साथ वैश्विक रक्षा तकनीक तक पहुंच बनानी होगी।

निष्कर्ष: यह संघर्ष न केवल पाकिस्तान से, बल्कि तुर्की और चीन की मिलीभगत से भी था। भारत को चौतरफा सतर्कता और आधुनिक हथियारों से लैस रहने की जरूरत है। साथ ही, विश्व समुदाय को पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर पुनर्विचार करना चाहिए।

By bme3668

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